राम सिया राम सिया राम, जय जय राम, राम सिया राम सियाराम, जय जय राम॥ मंगल भवन अमंगल हारी, द्रबहुसु दसरथ अजर बिहारी। ॥ राम सिया राम सिया राम...॥ होइ है वही जो राम रच राखा, को करे तरफ़ बढ़ाए साखा। ॥ राम सिया राम सिया राम...॥ धीरज धरम मित्र अरु नारी, आपद काल परखिये चारी। ॥ राम सिया राम सिया राम...॥जाकी रही भावना जैसी, प्रभु मूरति देखी तिन तैसी। ॥ राम सिया राम सिया राम...॥ हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। ॥ राम सिया राम सिया राम...॥ रघुकुल रीत सदा चली आई, प्राण जाए पर वचन न जाई। ॥ राम सिया राम सिया राम...॥हि के जेहि पर सत्य सनेहू, सो तेहि मिलय न कछु सन्देहू। ॥ राम सिया राम सिया राम...॥
जब तक जिंदगी होगी, फुर्सत ना होगी काम से। कुछ समय ऐसा निकालो, प्रेम करो श्रीराम से ।।

गोस्वामी तुलसीदासजी कृत महाकाव्य श्रीरामचरितमानस Sampoorna Ramayan Ramcharitmaanas

 



Sampoorna Ramayan गोस्वामी तुलसीदासजी कृत महाकाव्य श्रीरामचरितमानस

1. बालकाण्ड






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जब तक जिंदगी होगी, फुर्सत ना होगी काम से। कुछ समय ऐसा निकालो, प्रेम करो श्रीराम से ।।